एक ही साल में दो निजी स्कूलों, ने काम निकलते ही किया बाहर। एक ही साल में दो निजी स्कूलों, ने काम निकलते ही किया बाहर।
एक और एक ग्यारह होते हैं इस कहावत को चरितार्थ किया। एक और एक ग्यारह होते हैं इस कहावत को चरितार्थ किया।
बस दस शब्द... बस दस शब्द...
शब्दों की मायाजाल पर सोचता हूँ विकलांग से दिव्यांग कैसे हो जाता है। शब्दों की मायाजाल पर सोचता हूँ विकलांग से दिव्यांग कैसे हो जाता है।
खुशी खुशी मुस्कुराता चला, वो गुब्बारे वाला चला। खुशी खुशी मुस्कुराता चला, वो गुब्बारे वाला चला।
उसकी कीमत दस गुना बढ़ जाये। उसकी कीमत दस गुना बढ़ जाये।